“Ravi Kishan: Bhojpuri Superstar Se Sansad Tak Ka Safar”

image credit instagram prfile
image credit instagram prfile

Ravi Kishan, जिनका असली नाम रविन्द्र श्यामनारायण शुक्ला है, भारतीय सिनेमा और राजनीति की एक चर्चित हस्ती हैं। वह न केवल एक सफल अभिनेता हैं, बल्कि एक प्रभावशाली राजनेता भी हैं। 17 जुलाई 1969 को मुंबई (तब बॉम्बे) में जन्मे रवि किशन ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन अपने जुनून और मेहनत के बल पर उन्होंने खुद को हर क्षेत्र में स्थापित किया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Ravi Kishan का बचपन आर्थिक रूप से कठिनाइयों से भरा था। उनके पिता श्याम नारायण शुक्ला एक पुजारी थे। रवि किशन अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनका पारिवारिक मूल उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के केराकत से है। उन्होंने मुंबई के रिज़वी कॉलेज, बांद्रा वेस्ट से 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की। किशोरावस्था में वे कुछ समय के लिए जौनपुर में भी रहे, जहां उन्हें गांव की जीवनशैली ने काफी प्रभावित किया।

अभिनय करियर की शुरुआत

Ravi Kishan ने फिल्मी करियर की शुरुआत हिंदी फिल्मों से की, लेकिन उन्हें असली पहचान भोजपुरी सिनेमा से मिली। उन्होंने सैकड़ों भोजपुरी फिल्मों में काम किया और ‘भोजपुरी सिनेमा के अमिताभ बच्चन’ के नाम से लोकप्रिय हो गए। उनकी प्रसिद्ध फिल्मों में “पंडित जी बताइ ना बियाह कब होई”, “ससुरा बड़ा पइसावाला”, और “धरती कहे पुकार के” प्रमुख हैं।

2006 में उन्होंने रियलिटी शो बिग बॉस में भाग लिया, जहां वे सेकंड रनर अप रहे। इसके बाद वे कई टेलीविजन शो में नजर आए जैसे “जलक दिखला जा”, “एक से बढ़कर एक”, “बाथरूम सिंगर”, और “राज़ पिछले जन्म का”। 2010 में उनकी फिल्म जला देब दुनिया तोहरा प्यार में को कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था।

दक्षिण भारतीय और हिंदी फिल्मों में पहचान

Ravi Kishan  ने केवल भोजपुरी ही नहीं, बल्कि हिंदी, तेलुगु, कन्नड़ और तमिल फिल्मों में भी अभिनय किया। 2014 में उन्होंने तेलुगु फिल्म रेस गुर्रम से डेब्यू किया। 2017 में कन्नड़ फिल्म हेब्बुली और 1999 में तमिल फिल्म मोनीषा एन मोनालिसा में नजर आए। 2018 में उन्होंने फिल्म MLA में भी अभिनय किया।

2008 में उन्होंने हॉलीवुड फिल्म स्पाइडर-मैन 3 के मुख्य किरदार को भोजपुरी में डब किया, जो कि पहली बार किसी हॉलीवुड फिल्म को भोजपुरी में डब किया गया था।

राजनीतिक सफर

Ravi Kishan  ने 2014 में कांग्रेस पार्टी से राजनीति में कदम रखा और जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें मात्र 4.25% वोट ही मिले। इसके बाद 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामा। 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें बीजेपी ने गोरखपुर से प्रत्याशी बनाया।

उन्होंने समाजवादी पार्टी के रामभुअल निषाद को भारी मतों से हराया। रवि किशन को 7,17,122 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 4,15,458 वोट प्राप्त हुए। इस शानदार जीत ने उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में मजबूत पहचान दिलाई।

सांसद के रूप में सक्रियता

सांसद बनने के बाद रवि किशन ने संसद में कई मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाया। उनके योगदान को मान्यता देते हुए 2025 में उन्हें “संसद रत्न पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। वह संस्कृति, फिल्म और युवा मुद्दों को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं।

व्यक्तिगत जीवन

Ravi Kishan ने 1993 में प्रीति शुक्ला से विवाह किया और उन्हें एक बेटा और तीन बेटियां हैं। उनकी बेटी रीवा किशन ने 2020 में फिल्म सब कुशल मंगल से बॉलीवुड में डेब्यू किया। उनकी दूसरी बेटी ईशिता किशन 2023 में भारतीय सेना में भर्ती हुईं, जो परिवार के लिए गर्व की बात है।

निष्कर्ष

रवि किशन की कहानी संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास की मिसाल है। उन्होंने अभिनय की दुनिया से राजनीति तक का सफर बड़ी गरिमा और ईमानदारी से तय किया है। आज वे न केवल भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार हैं, बल्कि एक जिम्मेदार सांसद भी हैं जो जनता की आवाज़ संसद तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणा हैं और उनकी कहानी हर उस व्यक्ति को हिम्मत देती है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखता है।


Tags: #RaviKishan #BhojpuriSuperstar #IndianPolitics #LokSabhaMP #Gorakhpur #SansadRatna #BiggBoss #BhojpuriCinema

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *