Kya Trump ke Tariff se Slow Ho Jayegi Bharat Ki Economy? 2025-26 mein GDP 6% se Neeche Ja Sakti Hai
परिचय
Trump भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2025-26 का वित्तीय वर्ष चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसका एक बड़ा कारण है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ यानी आयात शुल्क, जो भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर लागू किया गया है। अगर यह टैरिफ साल भर बना रहता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर (GDP ग्रोथ रेट) 6% से नीचे जा सकती है।
टैरिफ का असर कितना गहरा होगा?
जानी-मानी रिसर्च एजेंसी ANZ (Australia and New Zealand Banking Group) के अर्थशास्त्री धीरज निम और संजय माथुर का कहना है कि इस टैरिफ के चलते भारतीय जीडीपी ग्रोथ में 20 से 40 बेसिस पॉइंट (bps) तक की गिरावट आ सकती है।
👉 1 बेसिस पॉइंट = 0.01 प्रतिशत, तो 40 बेसिस पॉइंट = 0.40 प्रतिशत
इसका मतलब है कि अगर भारत की ग्रोथ दर पहले 6.1% मानी जा रही थी, तो यह घटकर 5.7% तक आ सकती है।
ANZ और अन्य संस्थानों के अनुमान
संस्था | अनुमानित GDP ग्रोथ (2025-26) |
---|---|
ANZ | 6.1% |
RBI | 6.5% |
वित्त मंत्रालय | 6.3% – 6.8% |
ANZ का अनुमान पहले से ही RBI और वित्त मंत्रालय की तुलना में कम है, और टैरिफ के बने रहने से यह और नीचे जा सकता है।
क्यों असर पड़ेगा भारत पर?
भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग गुड्स, केमिकल्स, फार्मास्युटिकल्स जैसे सामान एक्सपोर्ट करता है। इन पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगने से:
- भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे
- अमेरिकी खरीदार दूसरे देशों से सामान लेना पसंद करेंगे
- भारतीय निर्यातकों का मुनाफा घटेगा
- एक्सपोर्ट सेक्टर में नौकरियां भी प्रभावित हो सकती हैं
क्या यह असर स्थायी होगा?
धीरज निम और संजय माथुर का यह भी कहना है कि भारत को शायद उतना बड़ा नुकसान न हो जितना दिख रहा है, क्योंकि अमेरिका ने सिर्फ भारत ही नहीं, चीन, वियतनाम, बांग्लादेश जैसे देशों पर भी टैरिफ बढ़ाया है। इसका मतलब है कि सभी प्रतिद्वंद्वी एक जैसी स्थिति में हैं।
“भारत के पास अब यह मौका है कि वह अपनी वैल्यू एडेड मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करे और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय समझौते की ओर बढ़े।”
सरकार क्या कर सकती है?
भारत सरकार के पास कुछ रास्ते हैं जिनसे वह इस टैरिफ के असर को कम कर सकती है:
- कूटनीतिक बातचीत: अमेरिका के साथ टैरिफ कम करने या हटाने के लिए बातचीत
- नए बाजारों की तलाश: यूरोप, मिडिल ईस्ट, अफ्रीका में एक्सपोर्ट बढ़ाना
- निर्यातकों के लिए राहत पैकेज
- ‘मेक इन इंडिया’ और PLI स्कीम को और प्रभावशाली बनाना
निष्कर्ष
अगर अमेरिका का 25% टैरिफ पूरे साल लागू रहता है, तो भारत की आर्थिक वृद्धि में निश्चित तौर पर गिरावट आएगी। लेकिन यह गिरावट कितनी बड़ी होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत सरकार और उद्योग जगत इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं।
हालांकि भारत की आंतरिक मांग, सर्विस सेक्टर और डिजिटल इनोवेशन अब भी मजबूत हैं, इसलिए यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि एक टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था डगमगा जाएगी। लेकिन यह चेतावनी जरूर है कि ग्लोबल पॉलिटिक्स अब सीधे भारत के विकास पथ को प्रभावित कर रही है।
क्या भारत इस चुनौती को अवसर में बदल पाएगा? आने वाले कुछ महीनों में यह तय हो जाएगा।